दुनिया में आजादी से बड़ी कोई नेमत नहीं है । खुले आसमान में उड़ते परिन्दों को देखो, उन पर किसी का कोई बन्धन नहीं है । वे अपनी मरजी से अपनी राह चुनते हैं । और जहाँ उनकी इच्छा होती है, वहीं दाना चुगने बैठ जाते हैं । आदमी भी आजाद पैदा हुआ है । मगर हम फिर भी गुलाम हैं...क्यों ? धरती माता कंगाल नहीं है, मगर हम कंगाल हैं...क्यों ? हम खून-पसीना बहा कर मेहनत से कमाते हैं, मगर खाता कोई और है..क्यों ? किसान का बेटा मिट्टी के साथ लड़ता-लड़ता एक दिन खुद मिट्टी हो जाता है, मगर वह उमर भर भूखा-नंगा ही रहता है...क्यों ? क्योंकि हममें एका नहीं है.....क्योंकि हमने अपनी ताकत को पहचाना नहीं है, क्योंकि हम अभी तक अज्ञान के अंधकार से उभरे नहीं है । मगर नहीं...अब हमें जागना पड़ेगा । अपने देश...अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए हमें एक जुट होना पड़ेगा । आप जानते हैं महात्मा जी और हमारे दूसरे नेता देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ रहे हैं । हमें भी उनके कांधे से कांधा मिलाकर इस जंग में उनका साथ देना है । इसलिए आओ, आज हम अपनी आजादी के लिए ही जीने-मरने की सौगंध खायें ।
Godaan Ke Baad
Fantasy, Horror, Science Fiction, Supernatural
In "Truth Search" some light has been thrown on the true knowledge of nature, body, mind, soul and God i.e. "Karta" and his infinite "Krit", which we all can achieve without losing a moment only from within ourselves. "Humanity" has to be created, "Ik" has to be created so that our coming into this
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Minimum Purchase: ₹1,600
Format: | Paperback |
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ISBN No. | 9789395773485 |
Publication date: | 15 Aug 2023 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 442 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: |