सृष्टि में समस्त ज्ञान गुरू- शिष्य के माध्यम से आया है। जिस प्रकार श्रीमद् भगवद् गीता श्री कृष्ण व अर्जुन के बीच का सम्वाद है। ठीक उसी प्रकार यतिश कुमार सिन्हा जो विश्व भ्रातृत्व दिव्यात्मा परिषद्, स्वर्णक्षेत्र माहांगा, उड़िसा के प्रथम आचार्य थे जिन्होंने 37 वर्ष के अल्प जीवन काल (1956-1993) में युगावतार ठाकुर श्रीश्रीश्री केशवचन्द्र जी से 72 खण्ड तत्त्व एकत्रित किए। जिसमें अध्यात्म से जुड़े समस्त प्रश्नों के उत्तर हैं यथाः- मन, चित्त, चैतन्य क्या है? मुक्ति, मोक्ष, मन्त्र, यन्त्र क्या हैं? पुरुष, प्रृकति, आत्मा, अहं क्या हैं? काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य, माया क्या है? राग, क्लेश, द्वेष, अस्मिता, अभिनिवेश क्या हैं? सृष्टि तत्त्व क्या है? आदि... वह सब लेख संघ द्वारा उड़िया भाषा में प्रकाशित पत्रिका ‘चरम’ के 50 क्रमांको में 22 वर्षों (1993-2015) में जिज्ञासा-जिज्ञासु नामक शीर्षक में प्रकाशित हुए, उन्हीं को इस पुस्तक-अनिर्वाण दीपशिखा में एकत्रित किया गया है। इसके इलावा इस पुस्तक में यतिश सिन्हा जी की जीवनी व चरम में प्रकाशित विभिन्न लेख जैसे दुःख, सुख, शान्ति, आनन्द, सच्चिदानन्द, मैं कौंन हूँ, सृष्टि तत्त्व, कर्मयोग व दर्शन का प्रतीक आदि भी हैं।
संग्राहकर्ता अनिल चावला
Anirvarn Deepshikha (hindi) 2023 Edition
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Minimum Purchase: ₹999
Format: | Paperback |
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ISBN No. | 9789391041977 |
Publication date: | 26 Apr 2023 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 250 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: |