यह पुस्तक "भारत की मीणा जनजाति का गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका" मीणा जनजाति के इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और उनके वीरतापूर्ण योगदान को उजागर करती है। यह पुस्तक बताती है कि कैसे मीणा समाज ने अपनी पहचान, परंपराओं और स्वाभिमान को बनाए रखते हुए देश की आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। इसमें राजस्थान और मध्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मीणा वीरों के संघर्ष, बलिदान और आंदोलनात्मक गतिविधियों का विस्तार से वर्णन है। पुस्तक ऐतिहासिक तथ्यों, जनश्रुतियों और दस्तावेज़ों के माध्यम से इस जनजाति के अनसुने पक्षों को सामने लाती है। यह न केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। लेखक ने शोधपूर्ण शैली में मीणा जनजाति की सामाजिक संरचना, राजनीतिक चेतना और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को रेखांकित किया है। यह पुस्तक इतिहास प्रेमियों, शोधकर्ताओं और जनजातीय अध्ययन में रुचि रखने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
Bharat Ki Meena Janjati Ka Gauravshali Itihas Aur Swatantrata Andolan Mein Bhumika – Dr. Vijendra Prasad Meena
Indian Freedom Struggle, Cultural Heritage & History, Indian History, Tribal Studies, Historical Non-Fiction,
यह पुस्तक "भारत की मीणा जनजाति का गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका" मीणा जनजाति के इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और उनके वीरतापूर्ण योगदान को उजागर करती है। यह पुस्तक बताती है कि कैसे मीणा समाज ने अपनी पहचान, परंपराओं और स्वाभिमान को बनाए रखते हुए देश की आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। इसमें राजस्थान और मध्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मीणा वीरों के संघर्ष, बलिदान और आंदोलनात्मक गतिविधियों का विस्तार से वर्णन है। पुस्तक ऐतिहासिक तथ्यों, जनश्रुतियों और दस्तावेज़ों के माध्यम से इस जनजाति के अनसुने पक्षों को सामने लाती है। यह न केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। लेखक ने शोधपूर्ण शैली में मीणा जनजाति की सामाजिक संरचना, राजनीतिक चेतना और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को रेखांकित किया है। यह पुस्तक इतिहास प्रेमियों, शोधकर्ताओं और जनजातीय अध्ययन में रुचि रखने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
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Minimum Purchase: ₹1,600
Format: | Paperback |
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ISBN No. | 978-93-6388-855-5 |
Publication date: | 22 May 2025 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 190 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: | Black & white interior with white paper (Premium Quality) |
डॉ. विजेन्द्र प्रसाद मीना, एस.पी.एन.के.एस. राजकीय महाविद्यालय, दौसा में सह-आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। राजस्थान के बरनाला, सवाई माधोपुर निवासी डॉ. मीना वैश्विक मानवतावाद की स्थापना हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। वे लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से कार्य करते हैं और विभिन्न मंचों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते हैं। सामाजिक सरोकारों में गहरी रुचि रखने वाले डॉ. मीना युवाओं को करियर मार्गदर्शन के साथ-साथ अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं। उनके लगभग 45 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं, और उन्होंने 50 से अधिक सेमिनारों में शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। उनकी पूर्व प्रकाशित पुस्तक "भक्ति कालीन संत साहित्य : वर्तमान परिदृश्य में एक पथ प्रदर्शक" युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय रही है। वर्तमान में वे साहित्य सृजन में सक्रिय हैं, जो भारत की आधुनिक पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।