“अग्नि समाधि: अनकहा सच” एक ऐसी रौंगटे खड़े कर देने वाली सच्ची घटना पर आधारित किताब है, जो आस्था और अंधविश्वास के बीच की रेखा को धुंधला कर देती है। यह कहानी मध्य भारत के चंबल अंचल में घटी उस ऐतिहासिक घटना को सामने लाती है, जिसमें एक बाबा ने हजारों लोगों की आंखों के सामने अपने ही शरीर से निकली अग्नि में समाधि ली।
ये किताब न केवल उस घटना का दस्तावेज है, बल्कि समाज, मीडिया, प्रशासन और आस्था के बीच के संघर्ष को भी दर्शाती है। क्या यह एक चमत्कार था? क्या यह एक सोची-समझी साजिश थी? पुलिस, मीडिया और सरकार की मिलीभगत या सच्चे साधु का बलिदान?
इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए यह किताब पढ़ना बेहद जरूरी है।