विकेश कुमार बडोला द्वारा लिखित "मीडिया चक्रव्यूह - डिजिटल धमाका" एक रोमांचक उपन्यास है, जो एक महानगरीय मीडिया संस्थान में काम कर रहे मीडियाकर्मियों की आजीविका और वेतन संकट की वास्तविक कहानी को उजागर करता है। यह उपन्यास न केवल पत्रकारों के संघर्ष और पीड़ा को सामने लाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि उन्होंने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए क्या उपाय अपनाए और किस प्रकार से उन्हें लागू किया।
यह पुस्तक मीडिया की आंतरिक समस्याओं, पत्रकारों के संघर्ष, और मीडिया के अवैध प्रयोग से जुड़ी चुनौतियों को उजागर करते हुए भारत की सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक समस्याओं की तह में जाती है। इसके साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रों की पड़ताल करते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा पारंपरिक मीडिया को अलोकप्रिय बनाने की प्रक्रिया को भी दर्शाती है।