"अयोध्या नरेश राजा राम द्वारा माता सीता का त्याग" एक गहन और शोधपरक पौराणिक ग्रंथ है, जो माता सीता के जीवन के उस अछूते पहलू पर प्रकाश डालता है, जिस पर कम चर्चा हुई है। इस पुस्तक में श्रीराम द्वारा माता सीता के त्याग, उनकी अग्निपरीक्षा, वनगमन, महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में जीवन, लव-कुश का पालन-पोषण एवं राम के यज्ञ में सीता के अंतिम शपथ ग्रहण का विस्तार से वर्णन किया गया है।
यह ग्रंथ तुलसीदास एवं महर्षि वाल्मीकि के मूल ग्रंथों से प्रेरित होकर आधुनिक दृष्टिकोण से लिखा गया है, जिससे पाठकों को न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों की भी गहरी समझ प्राप्त होती है। माता सीता के आदर्श, त्याग, धैर्य एवं नारी गरिमा की गाथा इस पुस्तक में सजीव हो उठती है।
यदि आप रामायण के गूढ़ रहस्यों, धार्मिक इतिहास एवं भारतीय संस्कृति में नारी की भूमिका को गहराई से समझना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए एक अमूल्य ग्रंथ साबित होगी।