दो पाटों के बीच नाटक संग्रह में संकलित नाटकों में मनुष्य के प्राकृतिक काम, क्रोध, मद, लोभ, अहंकार आदि विकारों के कारण होने वाले परिवर्तनों पर बहुत ही गहराई से विचार कर निकटता से प्रहार किया गया है। परिस्थिति बदलने के साथ आदमी कैसे रूप बदलता है, इसका लेखक ने बेबाक चित्रण किया है।
Do Paton Ke Beech
दो पाटों के बीच नाटक संग्रह में संकलित नाटकों में मनुष्य के प्राकृतिक काम, क्रोध, मद, लोभ, अहंकार आदि विकारों के कारण होने वाले परिवर्तनों पर बहुत ही गहराई से विचार कर निकटता से प्रहार किया गया है। परिस्थिति बदलने के साथ आदमी कैसे रूप बदलता है, इसका लेखक ने बेबाक चित्रण किया है।
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Minimum Purchase: ₹999
Format: | Paperback |
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ISBN No. | 9789391041793 |
Publication date: | 14 May 2022 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 116 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: | Black & white interior with white paper |
दो पाटों के बीच नाटक संग्रह में संकलित नाटकों में मनुष्य के प्राकृतिक काम, क्रोध, मद, लोभ, अहंकार आदि विकारों के कारण होने वाले परिवर्तनों पर बहुत ही गहराई से विचार कर निकटता से प्रहार किया गया है। परिस्थिति बदलने के साथ आदमी कैसे रूप बदलता है, इसका लेखक ने बेबाक चित्रण किया है।