बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत उमापत वसंत गाँव में जन्में एवं वर्तमान में रेल डिब्बा कारखाना, कपूरथला में वरिष्ठ अनुभाग अभियंता के पद पर कार्यरत श्री प्रवीण कुमार के परिवार में चार भाईयों के अलावा पिता - श्री गंगाधर झा, माता - श्रीमती शशि देवी, पत्नी -श्रीमती सुषमा झा एवं पुत्र - प्रियांशु झा हैं । अति व्यस्त ड्यूटी के बावजूद इन्हें हिन्दी लेखन के लिए भारतीय रेल द्वारा कई पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुके हैं । 'एक गुमनाम शहीद की डायरी' मुम्बई क्राइम ब्रान्च के एक जांबाज पुलिस ऑफिसर की डायरी पर लिखी गयी काल्पनिक कहानी है । यह कहानी मुम्बई क्राइम ब्रान्च के पाँच महान देश - भक्त पुलिस ऑफिसर और एक अद्भुत मानव की है जो आज के अजेय माफिया की काली साया में विलीन हो गए और जिनका दूर - दूर तक कोई जिक्र नहीं है । उस अद्भुत मानव की अद्भुत सोच को देखकर खुद अंडर वर्ल्ड से सम्बन्ध रखने वाले बड़े - बड़े वैज्ञानिकों ने भूरी - भूरी प्रशंसा करते हुए कहा - 'अगर हिंदूओं के पुनर्जन्म के सिद्धांत पर विश्वास किया जाये तो ऐसा लगता है मानों हिन्दुओं का प्राचीन देवता, महान अनुसंधानकर्ता - 'शिव' अपना प्रजेन्स ऑफ़ माइंड (शक्ति) ऊपर ही छोड़ कर आ गया है ।’ यह कहानी भरपूर मनोरंजन के साथ -साथ जांबाज देशभक्तों के लिए मार्गदर्शन का कार्य भी करेगी जो आज के समाज के लिए नासूर बन चुके अजेय माफिया सल्तनत से टकराने का हौसला रखते हैं।
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Format: | Paperback |
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ISBN No. | 9789389540307 |
Publication date: | 21 May 2020 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 174 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: |