संसार के अन्य सभी बच्चों की तरह मेरा भी रिश्ता मेरी माँ के साथ अत्यंत अनमोल है। वह घने अंधेरे में दीये की लौ की तरह हैरू जीवन की आशा बनकर। इस काव्य संकलन के माध्यम से मैंने स्वानुभूति के साथ-साथ सम्प्रति पारिवरिक रिश्तो में माँओ के अन्य रूपो के अवलोकन को भी संकलित करने का प्रयास किया है। आशा है मेरे कवि मन की संवेदनशीलता में अनुभूति व परानुभूति से एकत्र हुआ यह काव्य सृजन आप पाठको के हृदय को छू पाएगा और आप अपनेपन की सुखद अनुभूति पा सकेंगे।
राशि सिन्हा