अखंड ज्योति जनवरी 2003 के पृष्ठ 49 पर श्रीराम जी शर्मा ने कहा है कि "गायत्री माता के बारे में तो हमको यह विश्वास हो गया है कि जो शक्ल हमने बना रखी है, यह शक्ल हमारी कल्पित है। यह कल्पना है ? हां यह कल्पना है । "इसी पत्रिका के पृष्ठ 52 पर कहा है कि "गायत्री माता के बारे में यह भी ध्यान आता है कि यह हमारी कल्पना की हुई एक मूर्ति है । "इस प्रकार गायत्री महाविज्ञान, अखंड ज्योतियो एवम इनके द्वारा लिखित, प्रकाशित पुस्तकों का सांगोपांग समीक्षा करके मैंने इनके गायत्री माता पाखंड के रहस्य से पर्दा उठाया है । अर्थात तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ।
Gayatri Mata Ek Kalpana
Religion & Spirituality
अखंड ज्योति जनवरी 2003 के पृष्ठ 49 पर श्रीराम जी शर्मा ने कहा है कि "गायत्री माता के बारे में तो हमको यह विश्वास हो गया है कि जो शक्ल हमने बना रखी है, यह शक्ल हमारी कल्पित है। यह कल्पना है ? हां यह कल्पना है । "इसी पत्रिका के पृष्ठ 52 पर कहा है कि "गायत्री माता के बारे में यह भी ध्यान आता है कि यह हमारी कल्पना की हुई एक मूर्ति है । "इस प्रकार गायत्री महाविज्ञान, अखंड ज्योतियो एवम इनके द्वारा लिखित, प्रकाशित पुस्तकों का सांगोपांग समीक्षा करके मैंने इनके गायत्री माता पाखंड के रहस्य से पर्दा उठाया है । अर्थात तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ।
MRP:
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Minimum Purchase: ₹1,340
Format: | Paperback , Ebook |
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ISBN No. | 9789395773003 |
Publication date: | 28 Feb 2023 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 146 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: | Black & white interior with white paper |
Pandit Rajendra Chaturvedi is a distinguished scholar and author known for his critical approach to spiritual and religious studies. With a keen eye for detail and a commitment to uncovering truths, Chaturvedi has authored several books that delve into the intricacies of Indian spirituality and religious practices. His works are celebrated for their depth, clarity, and insightful analysis.