'हरमीत शर्मा जी' कवि अपनी दूजी किताब "एन्जेल" के बारे में कहते है कि– यह किताब उनकी केवल किताब ही नहीं उनके दिल का एक अंश भी है, जिसे वो हर पल अपने समीप रखते है "एन्जेल" किताब के बारे में हरमीत जी कहते है. की यह किताब उनकी हर लड़की, नारी को समर्पित है. इस रचना का नाम भी उन्होंने 'एन्जेल' इसीलिए रखा, क्योंकि कवि जी हर लड़की, नारी को एन्जेल के समान ही समझते है 'हरमीत जी' हर लड़की और नारी का सम्मान करते है और मानते है की उनकी जिन्दगी में हर पल कुछ नया एक लड़की, एक नारी ने ही किया चाहे वो जन्म से उनकी माता हो या उनके ईष्ट देवी हो या जिन्दगी के एक अहम मोड़ पर उनके गुरु जी का साथ हो. अर्थात हर वक़्त हरमीत जी की जिन्दगी में एक नारी का ही बहुत – बहुत योगदान है और इस किताब से वो समाज पर ताना भी मारते है. साथ - साथ उन्हें लड़की की अहमियत भी बतलाते है. अंत में कवि जी अपनी यह रचना अपने गुरु जी को समर्पित करते है, क्योंकि वो कहते है मेरे गुरु भी मेरे लिए एक एन्जेल के समान है. जिन्होंने मुझे पथ प्रदर्शित किया है.
Angel
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Format: | Paperback |
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ISBN No. | 9789384314361 |
Publication date: | 11 Nov 2015 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 40 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: |