जिंदगी की दास्तान " लेकर मैं "प्रतिभा" आपके सामने प्रस्तुत हूँ। मैं बेंगलुरु के एक कालेज में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हूँ। इस दास्तान में मेरी जिंदगी के अनगिनत पहलू जैसे प्यार, नफरत, खुशी, गम, मिलन, जुदाई, दोस्ती, खामोशी, मौसम आदि बयान हुआ है। ये शब्द मेरे दिल से निकली भावनाओं का सागर है, जिन्हें मैंने शब्दों में बांधने की कोशिश की है। आशा करती हूँ कि यह कोशिश कामयाब होगी और आप पाठकों से मुझे सराहना जरूर मिलेगी।
प्रतिभा " प्रिति "