हाँ मैं हरामी हूँ जज साहेब, मुझे पैदा होते ही कूड़े के ढेर पर फैंक दिया गया। उस रात कोई कुत्ता भी कूड़े के ढेर में मूँह मारने नहीं आया, आया होता तो मुझे चीऱ फाड़ कर खा गया होता, तो आज मैं आप के सामने हरामी बनकर खड़ा ना होता। हरामी तो वह हैं जो हराम की औलाद पैदा करके कूड़े के ढेर पर फैंक जाते हैं, सजा तो उन्हें मिलनी चाहिए जज साहेब।
चंगेज़ी पाकिस्तान का करुरतम एजेंट भारत में अशांति फैलाने के मकसद से जगह जगह बंब बलास्ट करवाता है, आगजनी करवाता है और हिन्दुस्तानी एजेंट शीतल से बदला लेना चाहता है। शीतल उसकी एक आंख फोड़़ कर भारत आई थी। वह एक मिशन के तहत पाकिस्तान गई थी। और भी हैरत अंगेज़ कारनामो से भरपूर यह नावल है।
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Harcharan Singh Bawa, the master storyteller, weaves a tale that challenges societal norms and confronts the labels society imposes. His narrative prowess captures the essence of the characters and the complex web of espionage.