है वो अपना मेरा, कैसे दूँ बद्दुआ।
भूल जाता हूँ मैं, जो हुआ सो हुआ।
आह, दिल से निकलती, वो पड़ जाती है।
यह चिंता हमें फिर से व्याकुल किया।
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