'बहुरूपिया' सोनिका शर्मा की एक अनूठी रचना है, जो रहस्य, रोमांच और मनोवैज्ञानिक गहराइयों का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है। 412 पृष्ठों और 72 अध्यायों में फैली यह कहानी पाठकों को एक ऐसी यात्रा पर ले जाती है, जहाँ हर किरदार अपने भीतर कोई छुपा हुआ सच समेटे हुए है।
थ्रिलर और ड्रामा से भरपूर यह उपन्यास पाठकों को शुरुआत से ही अपनी गिरफ्त में ले लेता है और हर पृष्ठ के साथ नया रहस्य उजागर करता है। कहानी के अप्रत्याशित मोड़ और गूढ़ पात्र इसे और भी रोमांचक बनाते हैं, जिससे पाठकों की उत्सुकता अंतिम पृष्ठ तक बनी रहती है।
यह सिर्फ एक सस्पेंस-थ्रिलर नहीं, बल्कि मानवीय भावनाओं, इच्छाओं और सामाजिक द्वंद्वों को भी बारीकी से उकेरती है। यह हमें अपनी पहचान और समाज में अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करती है।
यदि आप एक ऐसी किताब की तलाश में हैं जो आपको रहस्यों की गहराइयों में ले जाए और आपकी कल्पना को झकझोर कर रख दे, तो 'बहुरूपिया' आपके लिए है।