भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री विंग कमाण्डर राकेश शर्मा एक विलक्षण प्रतिभा वाले व्यक्तित्व है। उन्होंने अंतरिक्ष में 7 दिन, 21 घण्टे और 41 मिनट रहकर विभिन्न जटिल वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन किया और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम विश्व पटल पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस पुस्तक के माध्यम से विंग कमाण्डर राकेश शर्मा द्वारा किए गए आसाधारण कार्यों व उपलब्धियों को विस्तार पूर्वक बताने का प्रयास किया गया है।
लेखक परिचय
8 नवम्बर, 1985 को जन्मे दीपक शर्मा ने एम. काॅम. व एल. एल. बी. की शिक्षा प्राप्त की है। किशोरावस्था से ही साहित्य में रूचि रखने वाले दीपक शर्मा ने विभिन्न सामाजिक विषयों पर लेखों के साथ लेखन की यात्रा प्रारम्भ की।
प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन, नील आर्मस्ट्रांग व राकेश शर्मा की साहसिक अंतरिक्ष यात्राओं के वृतांतो ने उन्हें बेहद प्रभावित किया। वह सभी अंतरिक्ष यात्रियों को सच्चे नायकों के रूप में देखते हैं, जो अंतरिक्ष की विषम परिस्थितियों में अपने जीवन को जोखिम में डालकर, मानव जीवन की प्रगति के लिए निष्काम भाव से अनुसंधान कार्य करते है।