आयुर्वेद संसार की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। प्रस्तुत पुस्तक में उत्तराखण्ड के गढ़वाल संभाग में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के इतिहास को प्रमुख विशयवस्तु रखा गया है। हिमालयी क्षेत्रों में चिकित्सा का आयुर्वेद एवं पारम्परागत चिकित्सा दोनों का मिला जुला रूप देखने को मिलता है। गढ़वाल में आयुर्वेद का प्रारम्भ उसका उत्थान एवं विकास को इस पुस्तक में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। 1815 ई0 के पश्चात गढ़वाल का एक बड़ा भाग अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा शासित होना प्रारम्भ हुआ एवं एक भाग पर पंवार वंशी राजाओं का शासन था। अंगे्रजी शासन का प्रभाव जिस प्रकार शिक्षा, प्रशासन, एवं सामान्य जनजीवन पर पड़ा उसी प्रकार इसका प्रभाव चिकित्सा पद्धति पर भी स्पश्ट रूप से दृश्टिगोचर होता है। प्रस्तुत पुस्तक के अन्तिम अध्याय में अंगे्रजों द्वारा लाई गयी आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा अभ्यास पर पड़ने वाले प्रभावों को दर्शाने का प्रयास किया गया है। सुधी पाठकों की रूचि एवं सुझाव इस पुस्तक हेतु मेरे प्रयास की सार्थकता को निर्धारित करेंगे।
डाॅ0 नीलम नेगी