कभी - कभी हम लालच, झूठी शान तथा शीघ्र अमीर बनने की लालसा में झूठ का सहारा ले लेते हैं और गलत मार्ग पर चल पड़ते हैं । परन्तु अंत में निराशा, दुख, पश्चाताप और आँसू ही मिलते हैं और जीवन नरकीय हो जाता है । सत्य, न्याय और धर्म पर चलने का मार्ग उत्तम मार्ग है । इस मार्ग पर चलने वाले राहगीर को कष्ट हो सकता है लेकिन उसे उसकी मंजिल मिल जाती है क्योंकि सत्य कभी नहीं हारता, हमेशा विजयी होता है ।
कर्तव्य ही पूजा है । उसके बाद किसी और पूजा की आवश्यक्ता नहीं होती है ।
प्रस्तुत पुस्तक की कहानियाँ मनोरंजक और हृदयास्पर्शी है । जिसे पाठकों के समक्ष रखते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है ।
हमें आशा है कि यह पुस्तक हमारे पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहेगी ।
यदि एक भी व्यक्ति मेरी कहानी को अपने जीवन में ग्रहण करेगा तो मैं समझूँगा की मेरा लिखना सार्थक हो गया और यही मेरे जीवन का अमूल्य उपहार होगा ।