सरित सरला' सतत प्रवाह मान समय के साथ सरिता सी सरल भावों से ओत-प्रोत मन को छू लेने वाली कविताओं का संग्रह है। जीवन के सभी आयामों, छूते-अछूते सभी पहलुओं को अपने हृदय में समेटे हुए यह काव्य संग्रह पाठकों के हृदय तल तक पहुंचने का प्रयास करता है। ये कविताएं मन को छूते तथा भावों को परिष्कृत करते हुए भावनात्मक विकास के साथ भी कदमताल करती हैं। यह कविताएं स्वस्थ मनोरंजन के साथ-साथ सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के दिशा में भी अपनी उत्सुकता रखती हैं। काव्य एक और जहां पाठकों के हृदय तक पहुंचते हुए उनके भाव को संबल प्रदान करता है वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहन देते हुए आडंबरों का खंडन भी करता है। इन कविताओं में कल्पना एवं यथार्थ का अद्भुत सामंजस्य दृष्टिगोचर होता है। प्रत्येक मानवीय भावनाओं को आकार देती हुई कविताओं को पढ़ने के बाद पाठक अपने आप को एक अलग ही भावनात्मक दुनिया से जुड़ा हुआ पाता है। यह भावों की दुनिया में मन की अनोखी यात्रा है।
लेखक परिचय
डॉ अनुराधा पान्डेय 26 वर्षों से अध्यापन एवं शिक्षा से जुड़ी हुई हैं। शिक्षा के लिए कार्य करते हुए शैक्षणिक समस्याओं को सामाजिक एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि में समझने का अवसर मिला तथा प्रारंभ से ही चली आ रही काव्य के प्रति रुझान ने सकारात्मक एवं रोचक मोड़ ले लिया जिसका ही परिणाम है काव्य संग्रह 'सरित सरला'!