"केशवमृत" अंग्रेजी और हिंदी दोनों में प्रस्तुत एक मनोरम जीवनी में युग पुरुष श्रीश्रीश्री ठाकुर केशवचंद्र जी की आध्यात्मिक यात्रा का खुलासा करता है। यह कथा 500 साल पुराने ओडिशा के संत, महापुरुष अच्युतानंद दास जी द्वारा की गई भविष्यवाणियों के अनुरूप, ठाकुर केशवचंद्र जी के भविष्यवाणी जीवन पर प्रकाश डालती है। ठाकुर के दिव्य जन्म, उनके चमत्कारी बचपन के कारनामों और उनके शरीर पर दिव्य संकेतों की अभिव्यक्ति से जुड़े रहस्यों को उजागर करें। विस्तृत विवरण के साथ जानें कि उन्हें गुरु, प्रभु, ठाकुर, युग पुरुष, परम पिता और परम ब्रह्म के रूप में क्यों सम्मानित किया गया। यह पुस्तक विभिन्न रूपों में ठाकुर की दिव्य अभिव्यक्तियों को देखने वाले करीबी सहयोगियों के प्रत्यक्ष अनुभवों को भी साझा करती है। ठाकुर के जीवन मिशन का अन्वेषण करें, जिसमें पवित्र लोगों का उद्धार, अधर्म का विनाश और धर्म की स्थापना शामिल है।
किसी भी मानव की संपूर्ण जीवनी लिखना एक कठिन कार्य है, किन्तु किसी महापुरुष के बारे में लिखना और भी चुनौतीपूर्ण है। सृष्टि के आरंभ से लेकर आज तक वेद, उपनिषद, पुराण, गीता, बाइबल, कुरान आदि सभी ग्रंथ और असंख्य पुस्तकें भगवान के बारे में सम्पूर्णता से नहीं लिख पाई हैं। इसलिए श्री श्री श्री केशवचंद्रजी के जीवन का वर्णन करना एक असंभव कार्य प्रतीत होता है। लेकिन प्रभु कृपा से यह कार्य सरलता से हो गया। मैंने अपने गुरु जी श्री श्री श्री केशवचंद्रजी के जीवन से जुड़े तथ्यों को एकत्रित किया है और उसी को इस पुस्तक के माध्यम से आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।
इस पुस्तक को मैंने तीन भागों में बांटा है। प्रथम भाग में पहले २५ वर्षों का वृत्तांत है - बचपन, पढ़ाई, बाल लीलाएँ, रामदास के पत्र, शरीर पर उभरते दिव्यत्व के चिन्ह, जान ठाकुर कर गुरगद्दी पर बैठाना। द्वितीय भाग में किस प्रकार लोग उनके साथ जुड़ते गए और संघ बना, यज्ञों के लिए ठाकुर जी कैसे गए, चरम शस्त्र का आना, यज्ञों का होना, संघ को आगे के लिए तैयार करना, और अंत में स्वास्थ्य का बिगड़ना और शरीर त्यागना। तृतीय भाग में ठाकुर जी का जन्म रहस्य, संघ की नियमावली और गुप्त रहस्य, चरम में लिखित ज्ञान, भगवान के कार्य और विश्व में धर्म की स्थापना आदि की चर्चा की गई है।