'पाठ्यक्रम संवर्धन व स्कूल प्रबंधन' पुस्तक बी. एड. व डीएलएड प्रोग्राम की जरूरतों को पूरा करती है। यह पुस्तक नवीनतम सिलेबस के अनुसार लिखी गई है। इस पुस्तक के अध्ययन से विद्यार्थी न केवल पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से जान पाएंगे अपितु स्कूली शिक्षा से संबंधित प्रबंधन को भी बखूबी समझ पाएंगे। यह एक प्रयास है जिससे भावी अध्यापकों को स्कूली शिक्षा की व्यवस्था के लिए तैयार किया जा सकता है। इस पुस्तक को सभी बी. एड. व डीएलएड संस्थानों में लागू किया जा सकता है।
लेखक परिचय
डॉ. सुनील नांदल, पी.एच.डी., एम. बी. ए. (शिक्षा प्रबंधन)। लगभग दो दशकों से शिक्षण के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। एस.सी.ई.आर.टी. दिल्ली, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक, सी. आर. कॉलेज ऑफ एजुकेशन, रोहतक, हरियाणा, में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के शिक्षण और दिल्ली में स्कूलों में लगभग २० वर्ष का अनुभव है। उन्होंने भावी शिक्षकों के लिए दस से अधिक पुस्तकें लिखी हैं।
डॉ नांदल ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं में भाग लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान, सिंगापुर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, नई दिल्ली में प्रशिक्षण में भाग लिया है। वह एक अनुभवी शिक्षक हैं जो छात्रों के लिए सीखने को आसान, बेहतर और अधिक रोचक बनाने के लिए शिक्षण में नवीन विचारों का अभ्यास कर रहे हैं।
लेखिका परिचय
डॉ अनुराधा खत्री, पीएचडी, पिछले कई वर्षों से शिक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैंl अपने कार्यकाल में उन्होंने एस. सी. ई. आर. टी/डाइट, दिल्ली में बी. एड. व डी.एल.एड. के पाठ्यक्रमों में भी शिक्षण कार्य किया है l अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार, कॉन्फ्रेंसेस में भाग लिया है और उनका कई लेखन कार्य और शोध कार्य में भी योगदान रहा है l शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने में वह सदैव ही तत्पर रहती हैं I