"वन कन्या" एक ऐसा उपन्यास है जो मनुष्य और प्रकृति के बीच के जटिल संबंधों की कहानी कहता है। यह कहानी बुलंदशहर के जंगलों में पाई गई एक बच्ची की है, जिसे जानवरों के बीच पलने पर मजबूर होना पड़ा। यह बच्ची, जिसे 'दीना शनीचर' नाम दिया गया, मानव समाज के उन पहलुओं को उजागर करती है जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। लेखन में, रामवीर सिंह 'राहगीर' ने सवाल उठाया है कि इस बच्ची की स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है - मानव समाज या कोई और?
यह उपन्यास हमें उस जंगल में ले जाता है जहां मानव बच्चे को जानवरों के बीच पलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उसकी कहानी उन सभी सवालों को छूती है जो मानव समाज की जिम्मेदारियों और उसकी विफलताओं की ओर इशारा करती है। क्या यह बच्ची एक सामान्य जीवन जी सकती थी यदि मानव समाज ने उसे अपनाया होता? क्या वह अपने माता-पिता के साथ रहकर खुश होती या उसे जंगल में लौटना पड़ता? यह उपन्यास इन सवालों का जवाब देने की कोशिश करता है।