"प्रेम का आनंद 'प्रेमानंद'" एक प्रेरणादायक आत्मकथा है जो श्री गोविंद शरण प्रेमानंद जी महाराज के आध्यात्मिक जीवन की यात्रा को दर्शाती है। कानपुर के एक छोटे से गाँव से प्रारंभ होकर, उन्होंने 13 वर्ष की आयु में संसारिक बंधनों को त्यागकर सन्यास का मार्ग अपनाया। वाराणसी के घाटों पर तपस्या करते हुए, उन्होंने राधा-कृष्ण भक्ति में स्वयं को समर्पित किया। यह पुस्तक उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं—भक्ति, साधना, संघर्ष और राधा नाम की महिमा—को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को आत्मिक शांति और प्रेरणा प्रदान करती है।
Prem Ka Anand "premanand"
Religion & Spirituality, Devotional Literature, Prayer & Devotion, Inspirational, Spiritual Awakening, Indian Saints, Hinduism,
"प्रेम का आनंद 'प्रेमानंद'" एक प्रेरणादायक आत्मकथा है जो श्री गोविंद शरण प्रेमानंद जी महाराज के आध्यात्मिक जीवन की यात्रा को दर्शाती है। कानपुर के एक छोटे से गाँव से प्रारंभ होकर, उन्होंने 13 वर्ष की आयु में संसारिक बंधनों को त्यागकर सन्यास का मार्ग अपनाया। वाराणसी के घाटों पर तपस्या करते हुए, उन्होंने राधा-कृष्ण भक्ति में स्वयं को समर्पित किया। यह पुस्तक उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं—भक्ति, साधना, संघर्ष और राधा नाम की महिमा—को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को आत्मिक शांति और प्रेरणा प्रदान करती है।
MRP:
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Minimum Purchase: ₹999
Format: | Paperback , Ebook |
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ISBN No. | 9789363889286 |
Publication date: | 22 Apr 2025 |
Publisher: | Rigi Publication |
Publication City/Country: | India |
Language: | Hindi |
Book Pages: | 70 |
Book Size: | 5.5" x 8.5" |
Book Interior: | Color interior with white paper (Premium Quality) |
चारू नागपाल एक समर्पित लेखिका हैं, जिन्होंने आध्यात्मिकता और भक्ति साहित्य में विशेष योगदान दिया है। उनकी लेखनी में गहराई और संवेदनशीलता झलकती है, जो पाठकों को आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर करती है। "प्रेम का आनंद 'प्रेमानंद'" उनकी एक प्रमुख कृति है, जो संत प्रेमानंद जी महाराज के जीवन को सजीव रूप में प्रस्तुत करती है।