"तेरी याद में" तेरे बिन जीने की, कोशिशे हज़ार करता हूà¤,
न जाने कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ तà¥à¤à¥‡ मैं बेइंतहा पà¥à¤¯à¤¾à¤° करता हूठ?
तू तो शायद à¤à¥‚ल गई होगी मà¥à¤à¥‡
किसी गैर को पाकर, पर मैं तो डूबा "तेरी याद में" तेरे लौट आने का इंतज़ार करता हूठ॥
पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पाठक,
मैं गà¥à¤²à¤¾à¤¬ चनà¥à¤¦ शरà¥à¤®à¤¾ उरà¥à¤« जोगिनà¥à¤¦à¤° शरà¥à¤®à¤¾ आप सà¤à¥€ को अपनी पहली कावà¥à¤¯-संगà¥à¤°à¤¹ सहरà¥à¤· à¤à¥‡à¤‚ट कर रहा हूठ। इस आशा और विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के साथ कि आपको यह कावà¥à¤¯-संगà¥à¤°à¤¹ ज़रूर पसंद आà¤à¤—ी । दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ मैं कोई कवि या लेखक नहीं हूà¤, जो साहितà¥à¤¯ सागर के नायाब शबà¥à¤¦ रूपी मोतियों को अपनी कविता/लेख में पिरो कर आपको मोहित कर सकूठ। यह जानते हà¥à¤ की मैं à¤à¤¸à¤¾ कतई नहीं कर पाऊà¤à¤—ा । उसके बाद à¤à¥€ मैं आप सà¤à¥€ को मोहित करने और आपके दिल में थो़ड़ी-सी जगह पाने की नाकाम कोशिश कर रहा हूठ। मà¥à¤à¥‡ पूरà¥à¤£ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि आपका पà¥à¤¯à¤¾à¤° और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ मà¥à¤à¥‡ ज़रूर मिलेगा, जो मà¥à¤à¥‡ आगे लिखते रहने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देता रहेगा ।
सधनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ !
आपका अपना
गà¥à¤²à¤¾à¤¬ चनà¥à¤¦ शरà¥à¤®à¤¾